archana Rai
archana Rai 04 May, 2021
कविता- दस्तक
कुछ किस्से अपने, कुछ बेगाने से कुछ दर्द के, कुछ सुकून के देने मन पे दस्तक सरक ही आते हैं.. . यादों की पोटली को कितनी ही कस के बाॅंध लूॅं तन्हाई में.... कुछ पल रिस ही जाते हैं ... अर्चना राय ©

Paperwiff

by archanarai

04 May, 2021

यादों की पोटली

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