दिल की बातें तमाम कह देंगे
हम भी सारे कलाम कह देंगे
आरज़ू तो न थी कभी ऐसी
फिर भी तुमको सलाम कह देंगे
तुम कहो तो तेरे हर इक ख़त को
इश्क का हम पयाम कह देंगे
कुछ तो बस में रखो जबां अपनी
वरना सब बेलगाम कह देंगे
ठोकरें जो मिलीं जमाने से
उनको अपना इनाम कह देंगे
Comments
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उम्दा कृति
शुक्रिया संदीप जी
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