#Proposewithpaperwiff
मेरे जीवनाधार,सम्माननीय,स्नेहिल पतिदेव!जीवनडोर बंधने के बाद मैंने सप्तपदी वैवाहिक परंपरा के संस्कारों का निर्वहन या है और आजीवन करती रहूँगी।जीवन के खट्टे मीठे अनुभवों से होते हुए की बार आपसी झड़पों ने हमें निखारा है। हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित कर
आत्मबल कायम रखने का साहस दिया आपने।कोरोना के कष्टप्रद काल में मेरा ख्याल रखकर मुझे बचा लिया।
ऐसे निष्कपट,दयालु,प्रबुद्ध और स्मार्ट पति "देव"(देवेंद्र सिंह गहलौत)के समक्ष मैं नतमस्तक हूं।सब कुछ न्यौछावर करके भी मैं हर जनम में"देवांजु"(देव+अंजु)ही कहलाना चाहूँगी।
मैं तन,मन,धन से 'देव'को ही प्रपोज करती रहूँगी
स्वरचित-डा.अंजु लता सिंह, नई दिल्ली
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