स्वरचित कविता
शीर्षक- "कौन हूं मैं"
धरा पर मैं आई तो मां मुस्कुराई-
पापा से मुझको पप्पी दिलाई.
कहा- मेरी लाडो,मुनिया,परी,
जादू की झप्पी मुझे खूब भाई .
दादा जी रूठे,दादी चिल्लाई-
फूटी है किस्मत,तभी तो है आई,
मेरे पालकों ने संभाला मुझे-
फिर उनकी सुकन्या'अंजु' कहलाई.
चंचल सी चितवन और गोरा बदन-
नन्ही सी देवी को करते नमन,
सभी बावले से मुझे ताकते थे-
किसी ने न परखा मेरा यह मन.
*हूँ मैं कौन? कैसे बताऊं भला-
कहीं बनी वरदान,कहीं थी बला,
पापा ने साहस भरा मेरे मन में-
मां ने सिखाईं अनेकों कला.
मेरा रूप निखरा बनी शोख लड़की-
शबनम सी चमकी, शोले सी भड़की,
कलिका सी कोमल, विकट चंडिका सी-
हवा सी मैं लहराई, बिजली सी कड़की.
*मैं हूं अपने पापा की प्यारी परी-
विकट रास्ते पर कभी न डरी,
अम्मा के आंचल की लज्जा हूँ मैं-
भरोसे पर सबके मैं उतरी खरी.
पढ़-लिखकर मेरा बना है वजूद-
शिक्षण कला में ही आकंठ डूब,
*मैं हूँ एक नारी, फूलों की क्यारी-
यश-सुरभि फैली जमीं पर भी खूब.
किताबी यह चेहरा,दिल पर है पहरा-
भाव-हृदय है समंदर सा गहरा,
कर्मठ रही सदा,परहित में रत-
कहा जिसको अपना वही था लुटेरा.
वैसे है मेरा एक परिचय पत्र-
दिखाती रहूँ उसे मैं तो सर्वत्र,
जनम,उम्र,व्यवसाय,पक्का निशान-
बदलते रहें उसमें आगामी सत्र.
हंसमुख,हठीली,*कलमकार हूँ मैं-
सहजता से जन्मी *एक फनकार हूँ मैं,
नमकीन लोगों से नाता मेरा है-
शुगर की बीमारी की शिकार *हूँ मैं.
पाखी सी परवाज भरने की चाहत-
बिना पंख के,हो न जाऊं मैं आहत,
चारू,चपल मौज बनकर जो फिसलूं-
अल्हड़ नदी को किनारा दे लानत.
*मैं जैसी हूँ वैसी लगूं खुद को प्यारी-
समय-रथ पर बैठी करूं मैं सवारी,
करतार की मैं अनोखी कृति हूं-
कलम से है नाता,मैं तीखी कटारी.
मिथ्या मुखौटा लगाती नहीं हूँ-
छुपे राज सबको बताती नहीं हूं,
निरोगी है काया,न हावी है माया-
निर्णय करो सब! गलत या सही हूँ.
*मैं धरती पर बनकर धरित्री हूँ आई-
संयोग से फिर कवयित्री कहलाई,
गुरु बनकर मैंने संवारा है कल को-
सुगढ़-संतति की ही फसलें उगाईं.
मैं बेटी,पत्नी,मां,बहना मिलता है सम्मान-
घर की धुरी कहाती हूँ,मुझसे ही बढ़ती शान,
मुझमें 'मैं' का लेश नहीं है,बलिहारी मैं जाऊं-
भारत-भू पर खुद से मिलने फिर-फिर वापस आऊं.
__________
स्वरचित,मौलिक, अप्रकाशितएवंअप्रसारित कविता
रचयिता-डा.अंजु लता सिंह गहलौत, नई दिल्ली
सर्वाधिकार सुरक्षित ©®
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.