कविता जीवन में रस घोलती है

कविता सरसता का संचार करके पाठक,श्रोता और वाचक को आनंदित करती है।

Originally published in hi
Reactions 0
422
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 17 Mar, 2022 | 1 min read

शीर्षक-" कविता जीवन में रस घोलती है"


अनुपम सा वरदान है कविता, जीवन में रस घोलती है-

प्रभु का वरद हाथ है जिस पर, कलम उसी की चलती है,

शब्दों का संसार लुभाए, सुर,लय,ताल संग में आए-

कल्मष का जब करे खुलासा, दुनिया सारी डरती है.

अनुपम सा....



चुप रहने वाले कागज पर, कलम अहर्निश चलती है-

आखर-आखर इतराता है, कवि प्रत्याशा पलती है,

अंतस में जो भाव उमड़ते, बाहर आकर समझाते-

कलमकार की शान है कविता,अथक निरंतर चलती है.

अनुपम सा....



मधुर तरंगें उठें ह्रदय में,जब-जब कविता पढ़ें सुनें-

लेखन की तो बात निराली, विद्वत-जन ही इसे गुनें,

जीवन में रस घोले कविता, मन-मयूर थिरकें हरदम-

भावुक,सरस, प्रबुद्ध लोग ही,कविता-लेखन कर्म चुनें.

अनुपम सा....



तेज धार तलवार है कविता, नहीं किसी से डरती है-

हिंसक,पथ-भटके समाज का, मार्ग प्रदर्शन करती है,

हर युग में मुस्काई कविता, इसने हर दिल जीता है-

अमर सुहागिन सी है कविता, उमर न इसकी ढलती है.

अनुपम सा....

स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित एवं प्रसारित कविता

डा.अंजु लता सिंह गहलौत ,नई दिल्ली

0 likes

Published By

Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

anjugahlot

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.