रियलिटी शो

रियलिटी शो रोचक एवं लोकप्रिय तो होते ही हैं,लेकिन अंततः अभिनय करने वाले बैस्ट कलाकारों का क्या हश्र होता है?कोई जानकारी नहीं होती। टी.आर.पी बढ़ती है और आयोजकों को काफी फायदा होता है,लेकिन कला का सम्मान भी होना चाहिये।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 13 May, 2022 | 1 min read

स्वरचित कविता-

शीर्षक-"रियलिटी शो"

(प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टि)

दूरदर्शन पर *रियलिटी शोज़'का लगता है मेला-

खिंचे चले आते हैं दर्शक बरबस इनकी ओर,

'इंडियन आइडल','बूगी वूगी','डांस इंडिया डांस'-

ये सब शो, कला को प्रोत्साहित करते चहुँओर।


इस जीवन के आसपास, जगाते हैं विश्वास -

यथार्थ से जुड़े रोचक,नहीं रहने देते हमें उदास-

जानकर,समझकर रूचिकर लगती इनकी हर बात,

बरसों से देते आ रहे ,हमें ये मनोरंजन की सौगात।


रात-रात भर जागकर ,शौकीनों ने देखे खूब-

'खतरों के खिलाड़ी','राखी का स्वयंवर' रोमांचक रहे,

देश भर से खोजे गए प्रतिभासंपन्न पात्रों के अभिनय-

दिल को लुभाते,सपने जगाते,बहलाते रहे।



'सच का सामना','इंडिया गोट्स टैलेंट'

'बिग बाॅस'जैसे लोकप्रिय धारावाहिक,

बहुसंख्यक दर्शकों ने देखा सराहा-

देखा अभिभूत होकर अघाए न तनिक



फिर भी हताशा,मन में जिज्ञासा-

अब भी है बाकी,अक्सर कुलबुलाती,

जिसने भी गाड़े हैं झंडे कला के-

क्या होता उनका अंजाम?समझ न पाती।


 ____________________


स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित एवंअप्रसारित कविता

लेखिका-डा.अंजु लता सिंह गहलौत, नई दिल्ली

E-mail-anjusinghgahlot@gmail.com

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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