स्वरचित कविता-रियलिटी शो"
शीर्षक-"रियलिटी शो"
(प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टि)
दूरदर्शन पर *रियलिटी शोज़'का लगता है मेला-
खिंचे चले आते हैं दर्शक बरबस इनकी ओर,
'इंडियन आइडल','बूगी वूगी','डांस इंडिया डांस'-
ये सब शो, कला को प्रोत्साहित करते चहुँओर।
इस जीवन के आसपास, जगाते हैं विश्वास -
यथार्थ से जुड़े रोचक,नहीं रहने देते हमें उदास-
जानकर,समझकर रूचिकर लगती इनकी हर बात,
बरसों से देते आ रहे ,हमें ये मनोरंजन की सौगात।
रात-रात भर जागकर ,शौकीनों ने देखे खूब-
'खतरों के खिलाड़ी','राखी का स्वयंवर' रोमांचक रहे,
देश भर से खोजे गए प्रतिभासंपन्न पात्रों के अभिनय-
दिल को लुभाते,सपने जगाते,बहलाते रहे।
'सच का सामना','इंडिया गोट्स टैलेंट'
'बिग बाॅस'जैसे लोकप्रिय धारावाहिक,
बहुसंख्यक दर्शकों ने देखा सराहा-
देखा अभिभूत होकर अघाए न तनिक
फिर भी हताशा,मन में जिज्ञासा-
अब भी है बाकी,अक्सर कुलबुलाती,
जिसने भी गाड़े हैं झंडे कला के-
क्या होता उनका अंजाम?समझ न पाती।
____________________
स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित एवंअप्रसारित कविता
लेखिका-डा.अंजु लता सिंह गहलौत, नई दिल्ली
सर्वाधिकार सुरक्षित ©®
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.