नववर्ष पर....

नववर्ष पर नवीन योजनाओं का आगाज करने की अभिलाषा है।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 31 Dec, 2021 | 1 min read


#स्वरचित कविता

#शीर्षक-"नमन दो हजार इक्कीस:अभिनंदन दो हज़ार बाईस"

 

जा रहे हो रे दिसंबर!

रोए धरा,सिसके हैअंबर, 

कहर ने कितने ही छीने- 

याद आया हा! वो मंजर.


लाद लो अपना सामान- 

करना है तुमको प्रस्थान,

विपदाएं सब संग ले लो-

देना खुशियों का वरदान.


बाल-वृंद और सब नारी-नर-

स्वागत करने को हैं तत्पर,

नई योजना,नव अरमान-

लागू करने होंगे सत्वर.


कर्मठता के फूल खिलाना-

दुष्टों को तुम धूल चटाना,

ज्ञान,मान,सम्मान बांटकर-

बन ठन कर लहराकर आना.


सर्दी लाना मन को भाए-

धूप कुनकुनी हमें लुभाए,

मूंगफली, रेवड़ी,गजक-

हर जन हर्षित होकर खाए.


रोगों का घेरा न घेरे-

जग में न लगाए फेरे,

सुख-समृद्धि थिरके जमीं पर-

मधुर-स्वर हों तेरे मेरे.

   

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स्वरचित-डा.अंजु लता सिंह, नई दिल्ली 





























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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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