Title आओ सब हिंदी मे बोलें(कविता)

हिंदी हमारी मातृभाषा है.इसका मान रखना हम भारतवासियों की शान है.

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#स्वरचित कविता 

शीर्षक -"आओ सब हिंदी में बोलें"


आओ सब हिंदी में बोलें

बस इसके ही हो लें

हिलमिल डोलें...

सुनने वाले हर श्रोता के

कानों में मिश्री सी घोलें

तुलसी,मीरा,सूर,कबीरा

खुसरो के संग हो लें

हिलमिल डोलें

आओ सब....


मां बाबा फिर से कहते हों

माॅम डैड सुर से डरते हों

बालक नए आएं धरती पर

राम राम निशदिन रटते हों 

सच्ची लगन लगाकर दिल में

आओ इसके हो लें

हिलमिल डोलें.

अंग्रेजी का मोह छोड़कर इस हिंदी के हो लें

हिलमिल डोलें

आओ सब....


हिन्दी भाषासरल,सुहानी

महिमा जाए नहीं बखानी 

बोलें,सुनें,पढ़ें औरलिक्खें

इस जीवन में लाएं रवानी

भाषा के मकरंद भरे

अमृत -कलशों को खोलें

हिलमिल डोलें 

आओ सब हिन्दी में बोलें


हर मन का अरमान है

हिंदी जग की शान है

धड़क रही सांसों में हर पल

आन बान और शान है

मन के सब सुंदर भावों को

लेखन में समो लें

हिलमिल डोलें

आओ सब...


मधुर-मधुर गीतों के स्वर

सुनकर मन में उठे लहर

सरस सयानी हिन्दी में

गाते गायक नारी- नर

कितना सुख देती है हिंदी

आओ मन में तोलें

हिलमिल डोलें.

आओ सब..


#स्वरचित

#रचयिता-डा.अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली

#ई-मेल-- anjusinghgahlot@gmail.com

  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

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