22-7-2022
स्वरचित कविता
शीर्षक- "जब उनसे इश्क हुआ"
मुझे लगा वो अजनबी
मिला जब पहले पहल
बजे थे तार मेरे दिल के
और हुई हलचल
छू लिया हाथ जब मेरा,रे दबा दी उंगली
मेरी निगाहों ने की थी इशारों से चुगली
हाय!जालिम ने पिला दी,नशा कुछ ऐसा हुआ
जब उनसे इश्क हुआ हाय उनसे इश्क हुआ
जब उनसे...
एक दिन चल रही थी लू ,बड़ी ही थी गरमी
मिला वो मुझसे,उसकी बातों में घुली नरमी
कोल्ड ड्रिंक पियोगी क्या मेरे संग तुम चलकर?
टूटी फ्रूटी भी खाओगी क्या?पूछा था हंसकर
हया में डूबा सर उठाया, हां जी कह ही दिया
जब उनसे इश्क हुआ हाय उनसे इश्क हुआ2
मेरा नसीब वो आया करीब हौले से
लगा कि गिर न पड़ूं मैं अजब हिंडोले से
मिलाई नजरों से नजरें,बना दी मैं पगली
हथेली चूम ली उसने मेरी तो मैं संभली
जीने का कुछ मजा आने लगा खुमारी में
खुशबू उड़ने लगी भीनी सी मन की क्यारी में
हाय! भंवरे ने कली को खिला मदहोश किया
जब उनसे इश्क हुआ हाय उनसे इश्क हुब उनसे...
कहा जब, आइये फरमाइये,हम बैठ गए
छेड़ा छुई-मुई से तन-बदन को ,तो हम ऐंठ गए
बैठै-बैठे ही हम तो लुट गए दिलदारी में
बुरे तरह से फंसे प्रेम की बीमारी में
हाय!दीवाने मेरे दिल को भी अफसोस हुआ
जब उनसे इश्क हुआ हाय उनसे इश्क हुआ
जब उनसे...
प्यार जालिम से होने वाला था नादानी में
मोड़ आने ही वाला था मेरी कहानी में
फिर अचानक ही परीलोक से कोई आके मिला
वो फरिश्ता था बलम मेरा जिंदगी का सिला
दिल की दहलीज पे मचलीं मेरी तमन्नाएं
वही तो था मेरा सरताज सुख सिमट आए
धड़कनों को मिला सुकूं,समां मदहोश हुआ
जब उनसे इश्क हुआ...
रचयिता-
डा.अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
वाह मज़ा आ गया, एकदम टूटी फ्रूटी की तरह रंगीन, सिर्फ गरम, इश्क़ की हवा से... I तो loved it💖👏👏👏👏
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