भारत के युवा

"युवा दिवस"प्रभावी व्यक्तित्व वाले महापुरूष विवेकानंदजी के जन्मदिन को लोकप्रिय बनाता है। युवा पीढ़ी ही देश की कर्णधार है।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 15 Jan, 2023 | 1 min read

"पेपर विफ्फ" मंच पर प्रेषित

स्वरचित कविता

शीर्षक- "भारत के युवा"

"युवा दिवस" सबको भाता है-

इस दिन से सबका नाता है,

स्वामी विवेकानंद थे जन्मे-

खुशियां फैली भू-मंडल में.


उनकी सब बातें अनमोल-

आओ लें सब मन में तोल,

भारतीय-संस्कृति उन्नायक!

रूढ़ियों की खोली थी पोल.



युवा-अवस्था सबसे हटकर-

शीतल,मंद पवन सी सुखकर,

यशगाथा जीवन में जिसकी-

आओ बातें कर लें इसकी.


साहस और उमंग भरपूर-

मन में जागे घनी हुजूर!

कजरारी सपनीली आंखें-

इधर-उधर हरदम ही झांकें.


सजता है अनुपम संसार-

उमड़ा फिरता मन में प्यार,

तन में जोश,दिलों में मस्ती-

दीवानी होती हर हस्ती.


नैना हो जाते जब चार-

सिर पर चढ़कर बोले प्यार,

दिल गाता रहता हैअक्सर-

बजते मन-वीणा के तार.


मर मिटने की खाकर कसमें-

जीते हैं पागल दिलदार,

सच्चे,कर्मठ और समर्पित -

कहलाते भू पर अवतार



मात-पिता की सेवा करते-

श्रमरत रहते,कभी न थकते,

बेटा हो या हो बिटिया-

सुगढ़ संतति का दम भरते.


बहन की रक्षा का वादा-

निभाता वफादार भ्राता.

सुता पावनी सरिता सी-

रखती है सबसे नाता.


देश के नवनिर्माता हो तुम-

आने वाले कल की आशा,

नमन तुम्हें हे सक्षम यौवन!

अद्भुत है तेरी परिभाषा .

   _____

स्वरचित, मौलिक अप्रकाशित एवंअप्रसारित कविता

रचयिता-डा.अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली
















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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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