शीर्षक-"किस्मत "
किस्मत करे एहसान उनपर
कर्म करें जो बेहतर
धरे हाथ पर हाथ जो बैठें
व्यर्थ दिखाएं तेवर
उनसे हाथ मिलाए न किस्मत
,छोड़े उनके हाल पर-
मेहनत से ही फलीभूत हो
,भाग्य मनुज का अक्सर।।
निशदिन नाचें मन में जिनके
, खुशियां ढेर,अमोल।
परहित के सब काम करें,
बोलें सबसे मृदु बोल।।
भाग्य साथ देता है उनका
काम करें जो अच्छे-
दुष्कर्मी तो भाग्य गंवाता,
खुले ढोल की पोल
ईश्वर ने हर मनुज को
दिए हाथ वरदान
जीवन भर सत्कर्म कर
बने अमिट पहचान
बाधाओं से जूझ कर
चलता रहे सदा
कमतर किस्मत का उसे
कभी न होगा भान
भटके वन कानन में बरसो
सीता के प्रभु राम
कर्मवीर बनकर सदा
किये सभी शुभ काम
भाग्य साथ ना दे पाया
फिर भी उनका हाय!
सबने पूजा राम को
जग का कैसा न्याय?
कान्हा ने राधा को चाहा
रहीं रुकमणी साथ
फिर भी झुकते हैं सदा
श्री राधे कह माथ
लिखवाकर लाते सभी
भाग्य जन्म के साथ
कर्म करो बेहतर भले
सत्य लगे है बात
_____
स्वरचित-डा.अंजु लता सिंह गहलौत, नई दिल्ली
(मौलिक अधिकार सुरक्षित, स्वरचित एंव अप्रकाशित)
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.