आज के युग में गांधीवादी विचारधारा(कविता)

बापू गांधी जी की विचारधारा आज भी ज्वलंत विषय है

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 06 Oct, 2024 | 1 min read

स्वरचित कविता


शीर्षक- "आज के युग में गांधीवादी विचारधारा"


स्वदेशी वस्तुओं से अब भी सबका नाता है 

सूती कपड़े पहनना सबको अजी भाता है

देश के लोग गांधी जी को याद करते हैं 

उस अहिंसा के पुजारी की बात करते हैं

घड़ी का साथ,छड़ी हाथ में लेते अब भी 

रीत बदली,बदन पे कम वसन,देखे रब भी

बापू का नाम जुबां अब भी सबकी लेती है

प्रेरणा जीने की जिंदादिली से देती है

त्याग करना,प्रभु की प्रार्थना,परहित का चलन

अल्पाहारी,सहिष्णु, प्रेम से हो सबका मिलन

सीख सारी ये गांधी जी ने हमको दे दी हैं

जो इनमें ढूंढे कमी, दुष्ट घर का भेदी है

राम का नाम लिये बिन न काम चलता था

उनके दिल में स्वदेशी प्रेम सदा पलता था

ज्ञान पाने गए परदेस बसे हर दिल में

लोकप्रिय बनके लौटे मातृभूमि मंजिल पे

सभी को मंत्र दिया "जियो और जीने दो"

दुष्ट को प्यार से निपटाओ हक वो छीने तो

भेदभावों को भूलकर सभी से मिलके रहो

शूल-पथ पर चलो फूलों से मगर खिल के रहो

गांधी जी की विचारधारा भाती है हमको

आज के युग में जरूरत इसी की है सबको

धर्म और जातपांत ताक पर रखेंगे जब

"सभी हैं एक" मन में भाव जगेंगे रे तब

गांधी का स्वप्न था कि विश्व गुरु होए वतन

रामराज्य की पड़े नींव सुखी हो हर ज़न

गांधी अब भी हैं विद्यमान हर एक तन-मन में

अहिंसा प्रेम की पूंजी छिपी जन-गण-मन में

याद हैं हमको वो तारों भरी जगमग रातें

कपास, चरखा, तकली और खादी की बातें

बापू के काम, वो तमाम याद आते हैं

रघुपति का भजन घर-घर में गुनगुनाते हैं

गांधीवादी विचारधारा को लाना होगा

देश को प्राणों से भी प्यारा बनाना होगा

ज़रूरतों को कम करें,भलाई करते चलें

यही बस ध्येय ज़िंदगी का बनाना होगा

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रचयिता-डा. अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली

 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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