शीर्षक-"परी हूँ मैं अपने पापा की"
परी हूं मैं अपने पापा की मुझको उन पर नाज है
पंख बिना ही उड़ती फिरती मस्त मेरी परवाज है
मेरे तन-मन और जीवन में उनका ही है गहन असर
बेटी को हमेशा पापा से ही ज्यादा लगाव होता है. पापा ही उसका आसमान होते हैं.
शीर्षक-"परी हूँ मैं अपने पापा की"
परी हूं मैं अपने पापा की मुझको उन पर नाज है
पंख बिना ही उड़ती फिरती मस्त मेरी परवाज है
मेरे तन-मन और जीवन में उनका ही है गहन असर
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