देशभक्ति काव्य-गीत
शीर्षक-" देशप्रेम के रंग समेटे "तिरंगा"
हमरा तिरंगा गगन में लहराए रे
हमरा तिरंगा..हमरा तिरंगा
इस झंडे में तीन रंग साजें
जी तीन रंग साजैं..
सब रंग महिमा से भरके बिराजैं..
जी भरके बिराजैं..
इसपे मनवा भी वारि-वारि जाए रे..
हमरा तिरंगा .........लहराए रे
हमरा तिरंगा
भगवा रंग कहे वीरों की गाथा जी वीरों की गाथा
सबहि नवाएं उनको जी माथा
हां उनको जी माथा ..
देस की खातिर प्रानों को लुटवाएं रे..
हमरा तिरंगा..........लहराए रे
हमरा तिरंगा
रंग सफेद का सबसे ही नाता
जी सबसे ही नाता..
मिलके रहो ये संदेसा सुनाता
संदेसा सुनाता..
मन का कबूतर चिहुंके उड़ा जाए रे..
हमरा तिरंगा..........लहराए रे
हमरा तिरंगा ...
खेतों में सबके ही झूमे हरियाली
जी झूमे हरियाली..
झोली रहे ना किसी की भी खाली..
किसी की भी खाली..
ये हरा रंग हमें जतलाए रे
हमरा तिरंगा ........लहराए रे
चक्र बना बीच हौले से बोले
जी हौले से बोले ...
चौबीसों घंटे चलो मेरे भोले
चलो मेरे भोले ...
चलना होगा समय न निकल जाए रे...
हमरा तिरंगा ........लहराए रे
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स्वरचित काव्य-गीत
डा.अंजु लता सिंह
नई दिल्ली
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Comments
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Nice
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