शृंगार
“शृंगार” रवि-किरणों ने जब सहलाया,प्रमुदित भू ने श्रृंगार किया- फसलों के स्वर्णिम आभूषण पहने,नभ का दीदार किया. धानी चूनर पर मेघों ने,मोती बरसाए जी भरकर- सतरंगी इंद्रधनुष ने भी झट नेह-नमन स्वीकार किया.

Paperwiff

by anjugahlot

06 Aug, 2024

शृंगार(टॉपिक-१)

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