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Picture prompt-६ “रंग-बिरंगे फूल" बचपन से हीअनु को फूलों से बेहद प्यार था.अपनी सहेली के घर के गेट से झांकते हुए रंग-बिरंगे गुलाबों को देखकर वह रोज ही ललचाती. रोज डे पर वह खुद को रोक नहीं सकी.स्कूल से लौटते हुए दोपहर के सन्नाटे में चौकन्नी होकर उसने गेट पर चढ़कर झट से लाल-गुलाबी फूलों का गुच्छा तोड़ लिया,आहट सुनकर अचानक डंडा लिये मालकिन आई और उसकी नाजुक हथेली पर ज़ोर से मारा,लेकिन असह्य पीड़ा उसके पुष्प- प्रेम को कम नहीं कर सकी. आज उसकी मंगनी है. मंगेतर का फूलों का शोरूम है. उसका तन-मन भावी सपनों को लेकर महक रहा है. रचनाकार- डा.अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली

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by anjugahlot

14 Feb, 2024

लघुकथा -“रंग बिरंगे फूल”

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