मन पंछी सा
-"मन का पाखी चहके तन में- गुल सा महके इसी चमन में, इसका तो अंदाज निराला- उड़ता फिरता स्वप्न-गगन में"

Paperwiff

by anjugahlot

23 Feb, 2022

चंचल मन पंछी सा उड़ता है।

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