सुकून
मेरा माइक्रोफोबेल इबादत करो उसकी सदा,मजबूर पर बरसा मेहर। दिल करो दरिया सिकंदर,खत्म हो गम का कहर।। खुद तलाशेगा तुम्हें साया सुकून ए वक्त का- खुदा भी मुस्काएगा,इठलाएंगे शाम औ सहर।। लेखका-डा.अंजु लता सिंह, नई दिल्ली

Paperwiff

by anjugahlot

22 Apr, 2022

सुकून,दरिया,खुदा

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