"पालक,पति और संतति"
picture prompt-17 स्वरचित लघु कथा शीर्षक- "पालक,पति और संतति" दिल का दौरा पड़ने पर पति कमल जी के अचानक चले जाने के काफी समय बाद आज नीला ने स्टोर के कोने में पड़े जंग खाए हुए फव्वारे को खींचकर बाहर निकाला और धो-पोंछ कर टैरेस-गार्डन के पौधों की देखभाल कर उन्हें सींचा. गमलों में पालक लहलहा रहा था. -इस बार बेटा इटली से आएगा,तो ताजा पालक से उसकी पसंद के व्यंजन बनाकर उसे खिलाएंगे. पालक के बीज बोते हुए कमल प्रमुदित होकर कह रहे थे. मानसिक बीमारी से ग्रस्त,संतति-मोह से घिरी नीला भूल चुकी थी,कि कोरोना के कहर ने उनके इकलौते बेटे को कबका छीन लिया था. _____ स्वरचित डा.अंजु लता सिंह गहलौत, नई दिल्ली

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by anjugahlot

22 Feb, 2024

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