मनुष्यत्व

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 31 Aug, 2019 | 1 min read

एक बाप स्ट्रेचर पर तडपते हुए अपने बेटे को दिलासा दिला रहा था कि 

"बेटा मैं हूँ न!

सब ठीक हो जाएगा 


बस तुम्हारी MRI होना बाकी है

फिर डॉक्टर तुम्हारा इलाज शुरू कर....."


वो बदकिस्मत बाप अपनी बात पूरी कर पाता उस से पहले ही स्ट्रेचर पर पड़े उसके बेटे को एक भयानक दौरा पड़ा।


बात बीच में छोड़ कर वो उसकी पीठ पर थप्पी मारने लगा।


अपने इकलौते बेटे को यूँ तड़पते हुए देख उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे।

6 फिट लम्बाई

लम्बा चोडा शरीर था उसका 


लेकिन अपने बेटे की दुर्दशा देख उसका सारा पौरुष पिघल गया।


बच्चों की माफिक रोने लगा।


उसे उम्मीद थी कि जल्द उसके बेटे की MRI हो जायेगी।

फिर उसको हुई बीमारी का पता चल जाएगा

और उसका काम हो जाएगा।


होगा क्यों नहीं ?

देश के सबसे बड़े अस्पताल में जो आया था

सारी उम्मीद लेकर आया था।


लेकिन पिछले 1 घंटे से उसका नंबर न आया।

आता भी कैसे ?


अन्दर पहले से MRI करवाने वालो की भीड़ जो थी।

एक MRI में करीब आधा घंटा लगता है।

और 50 संवेदनहीन लोग उससे पहले लाइन लगा के बैठे थे।


और मशीन 24 घंटे चलती तब भी उसका नंबर शायद दूसरे दिन आता।


देश का सबसे बड़ा अस्पताल !!


देश के नामी गिरामी विशेषज्ञों से लेस अस्पताल !!


हम 21वीं सदी में हैं


हमने सबसे सस्ता मंगलयान अन्तरिक्ष में भेज दिया।


हर महीने हर सप्ताह हमारा इसरो नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।


हमें न्युक्लिर मिसाइल ग्रुप की सदस्यता मिलने वाली है।


हम तेजस जैसे हलके लड़ाकू विमान बना रहे हैं।

पंडूबियाँ बना रहे हैं।


लेकिन हमारे अस्पतालों में Xray मशीन नहीं हैं


MRI मशीन नहीं हैं।


होंगी भी कैसे ?


यहाँ MRI मशीन बनाने की तकनीक है ही नहीं


न ही उसके खराब होने पर उसे सुधारने की कोई तकनीक है।


आपको बता दूँ एक उम्दा गुणवत्ता की MRI मशीन करीब 1 करोड़ की आती है।


और ये चीन जापान कोरिया जैसे देशो से आयात की जाती हैं


खराब होने पर या तो मशीन चाइना जायेगी

या वहां से टीम यहाँ आएगी

इसकी मरम्मत का खर्च लगभग लाखो में आएगा।


अब ये जानकर आपको अमृतानंद की अनुभूति होगी कि 3600 करोड़ की शिवाजी की मूर्ती 


और लगभग 2100 करोड़ की सरदार पटेल की मूर्ति क्रमश: मुंबई और गुजरात में बन रही हैं।


इसमें कोई दो राय नहीं है

ये दोनों हमारे गौरव थे हैं सदा रहेंगे।


इनका मोल इन पैसो से कहीं बढ़कर था।


लेकिन ये भी होते तो कहते कि 

"अस्पताल बनाओ


जरुरी व्यवस्था उपलब्ध कराओ।

उनकी जरुरत की चीजें बनाओ।"


ज्यादा दूर न जाकर

नजदीक आते हैं


सबसे बड़े अस्पताल में कम से कम 10 MRI मशीन हो जाए तो किसका क्या बिगड़ जाएगा ?


मेक इन इंडिया के तहत यहाँ ऐसी जरुरत की चीजें बनने सुधरने लगेंगी तो किसका क्या बिगड़ जाएगा ?


आखिर में वो बिलखता हुआ बाप स्ट्रेचर पे लेटे हुए अपने बच्चे को रोते हुए बाहर ले गया।


शायद हिम्मत टूट गयी थी उसकी 

या उस बच्चे की साँसे !! :'(


लेकिन रोज मौत देखने वाले अस्पताल की संवेदनाएं तो मर चुकी थी उन्हें क्या फर्क पड़ता है कि कोई मरे या जिए!


हममें दूसरों की मदद के लिए आगे का गुण ही हमे पशुओं से अलग करता है ,इस लिए हमे अपने मनुष्य होने पर गर्व करते हुए मनुष्यत्व को जीना चाहिए।


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