है डूबा क़र्ज़ में उस पर तकाज़ा रोज़ होता है
पर उसकी शानो शौकत का दिखावा रोज़ होता है
ठिकाने के लिए आपस में झगड़ा हो रहा हरदम
जहाँ में गो बशर का आना जाना रोज़ होता है
लगी हो लाइन बच्चों की पड़े हों खाने के लाले
मजूरी करके पर पीना पिलाना रोज़ होता है
जो टू व्हीलर किसी ट्रक कार को साइड न दे पाए
तो उस गुस्ताख़ इंसां का सफ़ाया रोज़ होता है
रिज़ाइन कर के दो दिन बाद ही वापस उसे लेना
सियासत में तो प्यारे ये तमाशा रोज़ होता है
नज़रअंदाज़ ना करना कभी औलाद का बचपन
सुबह से शाम तक खाना कमाना रोज़ होता है
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