31 दिसंबर:-
यह दिन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हर एक व्यक्ति कोशिश यही करता है कि इस दिन से अपने जीवन अनेक कमियाँ, बुराइयाँ त्याग दे और नए वर्ष के साथ अपने जीवन को एक बेहतर ढंग से शुरुआत दे।
ज्यादातर लोग अपनी कमियाँ सुधारना चाहते हैं, कोशिश भी करते हैं पर अक्सर वे इसमें नाकामयाब रहते हैं इसकी मुख्य वजह हैं उनकी आदतें। वे आदतें जो वो छोड़ नहीं पा रहे हैं, पर छोड़ना चाहते हैं। कहा भी गया है कि इंसान अपनी आदतों का ही परिणाम होता है। अच्छे आदमीं की आदतें अच्छी होती हैं और बुरे आदमीं की आदतें स्वाभाविक रूप से बुरी होंगी।
बात करें आदतों की तो बुरी आदतें कब हमारा हिस्सा हो जाती हैं पता भी नहीं चलता और अच्छी आदतें डालने में बड़ी कठिनाई होती है। इस पर प्रख्यात लेखक शिव खेड़ा जी का कहना है कि बुरी आदतें छोड़ने का व्यर्थ प्रयास नहीं करना चाहिए, बल्कि उनके स्थान पर अच्छी आदतें डाल लेना चाहिए। यह अच्छा तरीका है।
उनका कहना है और यह वैज्ञानिक प्रमाणित भी है कि इंसान को कोई भी नई आदत डालने में लगभग 21 दिनों का समय लगता है। इन 21 दिनों तक लगातार अपनी आदतों पर ध्यान रखना होगा।
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण का उपदेश है कि हमें किसी भी चीज से आसक्ति नहीं होनी चाहिए, जिस व्यक्ति में आसक्ति न हो उसे आध्यात्म में योगी कहा जाता है। जो सामान्य जन इसे इस प्रकार समझ सकते हैं कि किसी भी चीज की आदत न पड़ने पाए, ख़ासकर बुरी चीजों की।
तो आईए अनंत शुभकामनाओं के साथ शुरू करते हैं नया वर्ष 2020, नई उम्मीदों और नई आदतों के साथ एक बेहतर व्यक्तित्व और एक बेहतर समाज स्थापित करें।
इति! धन्यवाद
-अमन मिश्रा
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