अंगदान

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 15 Sep, 2019 | 1 min read

,सर्वजातीय महिला खाप पंचायत अध्यक्ष ,महिला सषक्तिकरण की आवाज बनी हरियाणा के हिसार जिले म रहने वाली निर्मलादहिया सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने जीवन मे समाज सेवा का बीड़ा उठाया ह तो समाज मे होने वाले हर अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज को बुलंद किया है व हर असहाय महिलाओं की आवाज बन कर संघर्ष किया ह लेकिन अब सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती निर्मलादहिया ने लखनऊ म मेडिकल की टीम की देख रेख द्वारा अपनी म्रत्यु उपरांत अपने शरीर के सभी अंग दान करने का निश्चय कर के एक अदबुत मिशाल भी कायम कर दी है।शरीर के सभी अंगदान करने से इनको लखनऊ में सनातन महासभा द्वारा अभी अभी सनातन दधीचि सम्मान से अलंकृत किया गया है व ओर भी बहुत सी सामजिक संस्थाओं ने इनको इस अंगदान जैसे महान कार्य करने के बाद सम्मानित करने का बुलावा भेजा है। लखनऊ म होने वाले सम्मान समारोह म भारत के विभिन्न राज्यो के कोने कोने से आये हुए 108 अंग दाताओं को सम्मानित किया गया है।इन अंग दाताओं में अभिनेत्री, सेलिब्रेटी, फेसन डिजाइनर ,अध्यापकगण, पुलिश अधिकारी, आल इंडिया रेडियो की एंकर व सामाजिक कार्यकर्ता व आम जनता के सदस्य थे इन सभी ने अपने अंग दान करके एक अदबुत मिसाल कायम की है। सनातन महासभा के द्वारा सामाजिक समरसता ओर गंगा मां गोमती की महाआरती इन्ही सभी अंगदाताओ के हाथों से करवाई गई। कार्यक्रम म स्कूल के बच्चों ने सुंदर रंगोली बना कर समाज को कई तरह के सन्देश भी दिए। 

निर्मलादहिया जी ने हमे बताया कि मेरा मानना ह कि इस संसार मे अंगदान ओर रक्त दान से बढ़ कर कोई भी दान नही होता है कयोकि आज के वैज्ञानिक युग मे भी हमारे शरीर के कई अंग जैसे कि लिवर ,गुर्दे , दिल व ओर भी बहुत से महत्वपूर्ण अंग होते ह जो आर्टिफिशल बना कर शरीर म प्रत्यारोपित नही किये जा सकते है इनको एक इंसान से दूसरे इंसान म ही प्रत्यारोपित किया जा सकता है जब किसी इंसान के शरीर का कोई अंग खराब हो जाता है तो उस का जीवन खतरे म पड़ जाता ह।इंसान के म्रत्युउपरांत अंगदान करने से किसी जीवित मरीज की जिंदगी की बुझती हुए लो को दुबारा से नया जीवन मिलता है। जब हमारी मृत्यु हो जाती ह तो हमे अग्नि में जल दिया जाता ह या दफना दिया जाता ह हमारे शरीर के सभी अंग सुपुर्दे खाक कर दिए जाते है मृत्यु उपरांत वही सुपुर्दे खाक होने वाले हमारे अंग अगर किसी को नया जीवन दे सकते ह तो हम कयो ना उन्हें दान करके पुन्य का कार्य करे व अपने शरीर के अंगों को किसी दूसरे इंसान में जीवित रख सकते है ओर उन को हम नया जीवन दान दे सकते है में समझती हूं अगर हमारी वजह से इस संसार म किसी को नया जीवन मिलता ह तो यह संसार का सबसे बड़ा दान होता ह। 

निर्मलादहिया ने हमे बताया कि मेरे अंगदान के फैसले की खबर को जब लोगो ने पढ़ा,ओर सुना तो इस से कई बहन भाई और मेरे साथी प्रेरित हुए और उन्होंने भी इस मुहिम म शामिल होने का मन बना लिया ह में उनकी दिल से सुकर गुजार हुँ तो कोई भी सदस्य,ओर आप सभी भी इस नेक मुहिम का हिस्सा बन कर पुण्य कार्य को कर सकते है।

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