*शब्द की परिभाषा*
:-- राजेंद्र सिंह रावत.
स्वरचित मौलिक लेखन
शब्द होते हैं हमेशा ही
अपनी परिभाषा सहित
हाँ ,व्यक्ति ही किसी क्षण
हो सकता मर्यादा रहित l
वह जो भी हैं ,जैसे भी
जो प्रसंग में व्याख्या खोजते हैं
वह वैसे ही हैं वही हैं
जो जड़ में बुद्धि को
जोड़ते हैं ll
शब्द तो उपस्थित रहा
सदा अपने अर्थ सहित
और आदमी अनर्थ में
सींच रहा स्व का हित l
शब्द तो तटस्थ था
रहा सर्वदा निरपेक्ष
मनु ही बोध ले भोग रहा
अमृतफल या मल -विक्षेप ll
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