नया कवि

New Poet.

Originally published in hi
❤️ 1
💬 1
👁 60
Adhiraj
Adhiraj 16 Nov, 2025 | 1 min read
Poetry

ख्यालों के सैलाब से, प्रवीण जीवन के प्रभाव में,

भावों की गंगाधारा जो उतरे शब्दों की तान में ,

अक्षर की फसलों को वो कागज़ पर है जब सींचता ,

तब कहीं एक दूर रोज़ नया कवि है बोलता । 

 

 

 प्रिय वियोग की आग से, करुणा की तेज़ मार में,

संयोग प्रेम के स्थान पर, पीड़ा विष उतरे प्राण में,

 जख्मी हृदय के मर्म को, कविता में है जो खोजता,  

 तब कहीं एक दूर रोज़ नया कवि है बोलता ।

 

  

वाद विवाद के सार में , प्रश्नों के गंभीर प्रहार से , 

झूठ फरेब से वो परे, बुद्धि व तर्क के साथ में,

जब युवा इन सड़कों पर सत्य को है टटोलता,

तब कहीं एक दूर रोज़ नया कवि है बोलता । 

 

  

प्रकृति के श्रृंगार से , नदियों की चंचल धार में,

 पर्वत वन पशु पक्षी और ऋतुओं की नव बहार में,

 फूलों की मोहित सुंगंध को, शब्दों में है जो समेटता, 

 तब कहीं एक दूर रोज़ नया कवि है बोलता ।

 

 

भ्रष्ट कपट के राज में, दीन दुखी की पुकार से,

मृत सपनों की लाश से, अपराधियों के संसार में,  

कलम की तलवार ले , जब जब लहू है खोलता,

तब कहीं एक दूर रोज नया कवि है बोलता | 

1 likes

Support Adhiraj

Please login to support the author.

Published By

Adhiraj

adhiraj

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Dr Jyoti agrawal · 2 weeks ago last edited 2 weeks ago

    बहुत ही सुंदर एवं भावनात्मक प्रदर्शन है एक कवि की भावना का जिसने सारे भाव, उतार चढ़ाव को चित्रित किया गया है।

Please Login or Create a free account to comment.