Aarti Kushwah
27 Nov, 2022
लाज़मी
माली के आने पर फूलों का नासाज़ होना,
लाज़मी नहीं है फूलों के बिना बगीचे का ग़ुलज़ार होना,
हो जाती है ज़िंदगी बेरुखी सिर्फ दुखों के रहने से,
लाज़मी है ज़िंदगी में दुखों और सुखों का बराबर होना ।
Paperwiff
by aartikushwah
27 Nov, 2022
#life
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