Aarti Kushwah
24 Oct, 2022
ख़ुली क़िताब
मत कर ग़ुमान ख़ुली क़िताब ख़ुद पर,
दिखता वही है जो खोला गया है,
कुछ पन्ने तेरे दबे और छुपे हुए भी हैं,
जिनको खोलने के लिए पलटना भी पड़ता है।
Paperwiff
by aartikushwah
24 Oct, 2022
Paperwiff
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