बालात्कार

रेप मुक्त भारत के लिए कानून का बदलना बहुत आवश्यक है ...

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Manu jain
Manu jain 05 Oct, 2020 | 1 min read
वो जिन्हें बिस्तर पर 
हर ज़ात क़ुबूल थी..
आज घर बसाने को 
सात नस्लें परख रहे हैं..

वो जिनकी नज़रों ने 
रेता था हर सीने को..
आज उनकी बेटियों के दुपट्टे 
किसी और के हाथों सरक रहे हैं..

हर सांस को घोंटा था तूने
अब क्यों दिल को ढूंढता लाश में है?
हर औरत के सीने को चीरा था..
अब क्यों पाकीज़गी की तलाश में है

दुनिया इनके ज़ख्मो को 
मोमबत्तियों से सहलाती है.
हर लड़की दिल में खुद को 
अपने ही नग्मों से बहलाती है..

ये जान कर के नहीं बदलेगा 
ज़माना है ये जाहिलों का..
नहीं मिलेगा हमदर्द कोई 
ये कारवां है बस काहिलों का..

हर सुबह ही अँधेरा है..
हर औरत ही घबराई है..
उजाले में और तारीखी में..
हर ओर हैवानियत छाई है..

वो जो सादा दिल बनते है
रंग आये हैं खुद को चीखों से..
और महफ़िलों में बात करेंगे वो 
तर्कों से और सीखों से..

अरे सफ़ेद पहनावे वाले
ये बता कितने खून छीटें हैं..
अपने इन हाथों से 
तूने कितने मासूम घसीटें हैं..

सुकून मिला था क्या तुम्हें 
उसके जिस्म को नोच कर.
क्या प्यास बुझ गयी तुम्हारी 
उस मासूम को खरोंच कर

क्या ये हँसी रह जाएगी 
जब तुम्हारी बेटी चीखे चिल्लायेगी..
क्या वो बाप से या भाई से अपने 
फिर नज़रें मिलाएगी

हर मर्द ही घटेगा नज़रों में उसकी 
हर शक्ल ही उसे देहसायेगी
हर आदमी हैवान लगेगा और
दिल में नफरत बस जाएगी

ज़ख्मों में और सिलवटों में
हर रात वो दम को तोड़ेगी
बिखरी हुई आबरू ले के
कैसे वो नाम किसी से जोड़ेगी

आस नहीं है बदलाव की
न सरकार में न इंसान में
आबरू लुटती रहेगी यूँही
मजमें में और सुनसान में

दौर-ए-वफ़ात है ये 
इंसानियत के वुजूद का..
सुकून मिले कहीं तो बस
लम्हाँ है वो सुजूद का..

 कलम भी फीकी पड़ जाएगी
शायरीआं नाबूत हो जाएँगी
आवाज़ें भी थम सी जाएंगी 
लाशें ठंडी पड़ जाएँगी

बस सियासी खेल रह जायेगा
और कानून के दल्ले चहचहाएंगे
अँधेरा फिर बढ़ आएगा 
और हैवानों को ये बचाएंगे

हर औरत दफ़न होगी फिर 
हर रात के अँधेरे में
और चीखों से सुबह होगी फिर
हर फरेबी के बसेरे में.

इन्साफ की तलब लगाए हुए
इंतेज़ार में कब से बैठें हैं
और इंतेज़ार की इसी आस में
न जाने कितने ज़ुल्म ढहते हैं..

आँसू थमने के आसार न होंगे 
और फरियादें आसमानों में छाएंगी
अखबारों की स्याही सूखने से पहले ही
नयी खबरें और आ जाएँगी..
नयी खबरें और आ जाएँगी.. 
____________
Meanings:
नाबूत =extinct
वुजूद =Absent
सुजूद= sajda/prostration
दौर -ए - वफ़ात= period of death
बसेरे =Shelters
देहसायेगी = will give
__________
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Manu jain

ManuJain

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Moumita Bagchi · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत ही खूबसूरत👍👍

  • Manu jain · 4 years ago last edited 4 years ago

    Shukriya 🙏

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