सुनकर गैरों की बातें मुझे रूला दिया तुमने
बैठ महफिलों की ओट मुझे गोशा किया तुमने
(गोशा - corner)
मिरी मुहब्बत के ज़ुल्म की इंतेहा तो देखो
होंठों पे कांच का गुलाब सजाके बोसा किया तुमने
(बोसा -kiss)
सुना है मुहब्बत में चमन चुना है गुलाब का
फ़िर भी मिरा कांटों से छलनी कर दिया हिया तुमने
(हिया - heart)
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत अच्छे
Shukriya 🙏 Babita ji
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