एक दिन मैं बाज़ार से आ रही थी बढ़िया गुनगुनाते , चहचहाते हुए मैंने मेरे पसंदीदा सारी वस्तुएं खरीद जो ली थी । तभी मैंने देखा रास्ते में एक गाय खून से लथपथ पड़ी थी उसके पैर टूट चुके थे , आस पास से सुनाई पड़ रहा था "कितना ख़तरनाक excident हो गया अब इस गाय का क्या होगा"
उस गाय की ऐसी हालत देख मेरे आंखों से आंसू निकल आए , तभी मैंने अपना सारा सामान गाड़ी में रखा और उस गाय की तरफ दौड़ गयी , गाय बहुत पीड़ा में थी , उसकी आंखों से आंसूओं की धारा बह रही थी उस समय मैं खुद को बहुत असहाय महसूस कर रही थी , मैंने दो चार लोगों से कहा कि भाई बस इस गाय को मेरी गाड़ी तक ले चलो , मैं इसे अस्पताल ले जाऊंगी पर सभी लोग तमाशा तो देख रहे थे लेकिन मेरी सहायता करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया , मैंने जानवरों के अस्पताल में काॅल किया पर वहां से भी कोई ज़बाब नहीं आया , मैं धीरे धीरे उसे उठाने व खिसकाने का प्रयास करती लेकिन गाय टस की मस न हुई , मैं उसके साथ कमसकम एक से डेढ़ घंटे बैठी रही तब तक न तो कोई डाॅक्टर आया और न ही किसी ने मेरी सहायता की ।
मैं बहुत रोने लगी खुद को कोसने लगी कि काश आज मैं एक डाॅक्टर होती तो इस गाय को ऐसे तड़पने न देती , मरने न देती ।
उपसंहार-:
हम सभी के जीवन में अगर दूसरा भगवान कोई है तो वो डॉक्टर ही है , डाॅक्टर न केवल हमारी जान बचाते हैं अपितु हमें नयीं जिन्दगी जीने का कौशल प्रशिक्षण भी देते हैं । हम सभी को डाॅक्टरों , नर्सों आदि मेडिकल स्टाफ का सम्मान करना चाहिए ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Sahi kaha insan ke doctor to hai pr janwaron ke itna pyr... Very nice❤️😍
Nice
Thank you vineeta ji
Thank you Sonia ji
भले ही जानवर हो पर उन्हें भी पीड़ा होती है। बढ़िया लेख
Thank you babita ji ❤️
संदेशप्रद
🙏🙏
बढ़िया लिखा
Shukriya Archana ji
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