वो जो बात - बात पर मुस्कुराती है,
मानो बात ,वो कुछ राज़ तो छुपाती है
यूँही तो नही कहती,ज़िंदगी खूबसूरत है,
हाल ऐ दिल क्या किसी को बतलाती है?
हर रोज़ आँखों में काजल वो लगाती है,
अश्क़ों का कोई पहरा तो नहीं बनाती है?
धड़कता होगा,सीने में उसका भी तो दिल
फिर सब थमा हुआ है, क्यों कह जाती है
नज़रें मिलाऊँ, पकड़ूँ , पूछूँ क्या मैं उससे,
अरे मुस्कुरा कर भी, देखो झूट बोल जाती है।
है खैरियत शायद ,या ज़ख्म कोई गहरा है
देखो ज़रा,ज़िंदगी को ये तन्हा बताती है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Beautiful lines. Loved the hidden feeling inside🤗
Thank you 🤩❤️
Beautifully penned
बहुत खूब दी
Thanks Sonia ji
Shukriya Sandeep ji
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