इबादत करके देखी है हिकारत करके देखी है
सभी से हम ने भी तो हर शिकायत करके देखी है
न पूछो अब हमारा हाल क्यूं अनजान रहते हैं
यहां सब पे भरोसा कर अजीयत करके देखी है
ज़माना हम से जलता है खटकती हूं निगाहों में
कफ़स को तोड़ कर मैंने बगावत करके देखी है
हमें ना उन ने समझा है उन्हें ना हम ने समझाया
समझने और समझाने कि रग़बत करके देखी है।
शबे फुर्कत किसी को भी मिले ना ऐ मिरे मौला
सनम से दूर रहकर भी मुहब्बत करके देखी है
इबादत - worship
हिकारत - hate
अजीयत - तक्लीफ़
क़फ़स - पिंजरा
रग़बत - इच्छा , कामना
शब-ए- फुर्कत - जुदाई की रात
Comments
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बहुत ख़ूब उम्दा अश'आर मोहतरमा मतले के दूसरे मिसरे (मिसरा-ए-सानी) में बह्र टूट गयी है मेरी समझ से। एक बार चेक कर लेवें सभी से हम १२२२✔ ने भी तो ✖✖ शिकायत कर १२२२✔ के देखी है १२२२ ✔
Ji shukriya batane ke liye🌸🙏😊
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