मात्रा गणना के नियम

#10articlechallenge Chapter 4

Originally published in ne
Reactions 0
1869
Manu jain
Manu jain 07 May, 2020 | 1 min read

एक मात्रिक:

1. क,ख,ग,घ............(1 मात्रा भार)

2. अ,इ,उ,ं, चन्द्रबिन्दु (1 मात्रा भार)

दो मात्रिक:

1. आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ, : (2 मात्रा भार)

2. क्ष, त्र, ज्ञ़ (2 मात्रा भार)

नियम -:

(A) सभी व्यंजन (बिना स्वर के) एक मात्रिक होते हैं

जैसे – क, ख, ग, घ, च, छ, ज, झ, ट ... आदि 1 मात्रिक हैं

(B) अ, इ, उ स्वर व अनुस्वर चन्द्रबिंदी तथा इनके साथ प्रयुक्त व्यंजन एक मात्रिक होते हैं

जैसे = अ, इ, उ, कि, सि, पु, सु हँ  आदि एक मात्रिक हैं 

आ, ई, ऊ ए ऐ ओ औ अं स्वर तथा इनके साथ प्रयुक्त व्यंजन दो मात्रिक होते हैं

जैसे = आ, सो, पा, जू, सी, ने, पै, सौ, सं आदि २ मात्रिक हैं

व्यंजन के लिए-

यदि किसी शब्द में दो लघु मात्रिक का उच्चारण एक साथ हो रहा है ओर इनके बीच कोई ठहराव नहीं आ रहा है ।तो इन्हें शाश्वत दिर्घ मानेगे (2)

जैसे ह1+म1 = हम = 2 ऐसे दो मात्रिक शाश्वत दीर्घ होते हैं इन्हे 11 या 1 नहीं किया जा सकता है

जैसे – सम, दम, चल, घर, पल, कल आदि शाश्वत दो मात्रिक हैं

◆ऐसे ही अगर किसी अक्षर में स्वर जुड़ा हो और वो लघु हो तो वो एक लघु के साथ मिल के दिर्घ बना लेता है।

उदाहरण – “तुम” शब्द में “'त'” '“उ'” के साथ जुड कर '“तु'” होता है, “तु” 1 मात्रिक है और “तुम” शब्द में “म” भी 1 मात्रिक है और बोलते समय “तु+म” को एक साथ बोलते हैं तो ये दोनों जुड कर शाश्वत दीर्घ बन जाते हैं इसे 11 नहीं गिना जा सकता

इसके और उदाहरण देखें = यदि, कपि, कुछ, रुक आदि शाश्वत दो मात्रिक हैं

◆ पर अगर दो लघु मात्रिक का उच्चारण एक साथ नहीं हो रहा है ओर इनके बीचठहराव आ रहा है 11 गिना जायेगा

जैसे –  असमय = अ/स/मय =  अ1 स1 मय2= ११२      

असमय का उच्चारण करते समय 'अ' उच्चारण के बाद रुकते हैं और 'स' अलग अलग बोलते हैं और 'मय' का उच्चारण एक साथ करते हैं इसलिए 'अ' और 'स' को दीर्घ नहीं किया जा सकता है और मय मिल कर दीर्घ हो जा रहे हैं इसलिए असमय का वज्न अ1 स1 मय2 = 112  होगा इसे 22 नहीं किया जा सकता है क्योकि यदि इसे 22 किया गया तो उच्चारण अस्मय हो जायेगा और शब्द उच्चारण गलत हो जायेगा|

वैसे ही जहाँ किसी शब्द के उच्चारण में दोनो हर्फ़(शब्द) अलग अलग उच्चरित होंगे वहाँ ऐसा मात्रा योग नहीं बनेगा और वहाँ अलग अलग ही अर्थात 11 गिना जायेगा

जैसे –  सुमधुर = सु/ म /धुर = स+उ1 म1 धुर2 = 112

0 likes

Published By

Manu jain

ManuJain

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.