रब्त मतलब connection
दो पंक्तियो के बीच में अगर रब्त न हो तो ख्याल और बहर का कोई महत्व नहीं
आरिफ वस्ल:-
आरिफ वस्ल में
अगर मिसरे में कोई शब्द व्यंजन पर खत्म होता हैं
और उसके बाद का शब्द स्वर से शुरू होता है तो हमें छूट मिलती हैं कि दोनों कोसाथ में पढ़ा जाए
जैसे :- आप , आज 2121 को आपाज पढ़ा जा सकता है
और उसी प्रकार उसकी मात्रा 221 हो जायेगी आप आज में प व्यंजन हे और अगले शब्द का पहला अक्षर स्वर हे (आ) तो दोनों की संधि कर सकते हे और उसी प्रकार उनकी मात्रा और उच्चारण होगा
रुक्न मिला कर बहर बनती हैं
1222/1222/1222/1222 --Ye बहर हे और 1222 रुक्न
रुक्न के भेद
रुक्न - रुक्न का नाम - मात्रा
फ़ईलुन - मुतक़ारिब - 122
फ़ाइलुन - मुतदारिक - 212
मुफ़ाईलुन - हजज़ - 1222
फ़ाइलातुन - रमल - 2122
मुस्तफ़्यलुन - रजज़ - 2212
मुतफ़ाइलुन - कामिल - 11212
मफ़ाइलतुन - वाफ़िर - 12112.
Ye 7 मूल रुक्न हे.
इन्हें सालिम रुक्न कहाँ जाता हैं सालिम का मतलब होता है मूल जिसमे कोई बदलाव नहीं है इन्ही रुक्न को repeat kar ke hume सालिम बहर मिलती है जैसे :-
2122/ 2122
2122/2122/2122
2122/2122/2122/2122. -अगर इसके आखिरी रुक्न में 212 करे तो
2122/2122/2122/212
ये बनेगी इसमें हमने फेर बदल करी हे जिससे इसका नाम सालिम नहीं रहेगा
बदल कर मुजाहिफ हो जायेगा , बहर में ही नहीं लेंगे उसे ।
जैसे -
2122 (फा/इ/ला/लुन) का अरूज़ में नाम है "रमल"
रमल मुसम्मन सालिम (बहर का नाम) का मतलब होगा
रमल -2122 रुक्न का नाम
मुसम्मन - एक शेर में 8 बार इस्तेमाल होगा मतलब एक मिसरे में 4 बार
सालिम - एक जैसा
तो उसकी बहर होगी
2122 /2122 /2122/2122
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