उदासी तीन अक्षरों से सम्मिलित होकर बना एक ऐसा शब्द है,
जो हर व्यक्ति के भीतर किसी न किसी रूप से छिपी ही रहती हैं,
उदासी से हमें कई तरह से रु-ब-रु होना पड़ता है ।
यदि किसी को मोहब्बत में धोखा मिले तो उदासी ,
किसी की आर्थिक स्थिति कमजोर हो तो उदासी ,
किसी की मां नहीं, किसी के पिता नहीं, किसी का भाई नहीं तो किसी की बहन नहीं ,इसलिए उदासी ।
हर मोड़ पर हर व्यक्ति को उदासी मानो जंजीरों में जकड़े रहती है
सभी की जिंदगी में उदासी कुछ इस तरह से होती है -
जैसे "फूलों में खुशबू का होना"
जैसे "बुढ़ापे में घुटनों में दर्द होना"
जैसे "शायर का शायरी पड़ना/लिखना"
जैसे " दो प्रेमियों का प्यार करना "
जैसे "संगीत में सरगम गाना "
जैसे "आंखों से आंसुओं का निकलना "
उदासी एक ऐसा दुःख है जिसके कारण आंखे हमेशा नम सी ही बनी रहती हैं, उदासी के कारण किसी भी काम में मन नहीं लगता है । उदासी को अकेलापन भी कह सकते है जो लोग हमेशा खुद को अकेला पाते वो सभी उदासी से घिरे हुए रहते हैं ।उदासी उन्हीं लोगों में बसती है जिनको प्यार की कमी खलती रहती है इसी वज़ह से ......
कभी -कभी हर किसी का दिल करता होगा कि छोड़ दूं यें दुनियादारी चली/चला जाऊं वहां जहां उदासी जैसा कुछ हो ही न पर छूट पातीं है क्या कभी ये उदासी "नहीं , कभी नहीं" ।।
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