आधे अक्षरों की मात्रा गणना करना

#articlechallenge Chapter 5

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Manu jain
Manu jain 07 May, 2020 | 1 min read

◆ अब बात आती है कि आधे अक्षरों की मात्रा गणना कैसे करे

हिंदी और उर्दू में आधे व्यंजनों का खास योगदान है

नियम के अनुसार आधे व्यंजन को जिस अक्षर के साथ पढ़ा जा रहा है उसकी मात्रा उसी पर निर्भर करती है

अगर अर्ध व्यंजन के साथ पढ़े जाना वाला व्यंजन या स्वर लघु हे तो अर्ध के साथ मिल कर वो दिर्घ बन जाता है

जैसे- तुम्हे =( तु)1 +म् हे2 =12

अगर अर्ध व्यंजन के साथ पढ़ा जाने वाला अक्षर पहले ऐ दिर्घ हे तो अर्ध अक्षर के नव के बाद उसमे कोई बदलाव नहीं आएंगे

जैसे = क्या , प्यारा =प्या2 +रा2 =22

ज्यादा =ज्या+दा- 22

अपवाद -

अपवाद स्वरूप अर्ध व्यंजन के इस नियम में अर्ध स व्यंजन के साथ एक अपवाद यह है कि यदि अर्ध स के पहले या बाद में कोई एक मात्रिक अक्षर होता है तब तो यह उच्चारण के अनुसार बगल के शब्द के साथ जुड जाता है परन्तु यदि अर्ध स के दोनों ओर पहले से दीर्घ मात्रिक अक्षर होते हैं तो कुछ शब्दों में अर्ध स को स्वतंत्र एक मात्रिक भी माना लिया जाता है

जैसे = रस्ता = र+स् / ता 22 होता है मगर रास्ता = रा/स्/ता = 212 होता है

दोस्त = दो+स् /त= 21 होता है मगर दोस्ती = दो/स्/ती = 212 होता है

इस प्रकार और शब्द देखें 

बस्ती, सस्ती, मस्ती, बस्ता, सस्ता = 22

दोस्तों = 212

मस्ताना = 222

मुस्कान = 221       

संस्कार= 2121

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