आज मेरी मां के लिए बहुत अहम दिन था क्योंकि उनकी पहली संतान का जन्म हुआ..जो की दरभग से एक लड़की थी! मेरी मां को इस बात का जरा सा भी अफसो न हुआ..बस घर पर थोड़ी खुशी कम थी...
अब वो लड़की बड़ी हो रही थी तो उसे रोने की अवाज से उसके बाप को बहुत परशानी होती थी ...जाहिल बाप तो गुसे में अपनी बेटी को जो की महज 3 महीने की थी उसपर भी हाथ उठने से नहीं कटराया
अब वो 5 वर्ष की हो चुकी थी लेकिन लड़की को बात की जरा सी भी समज नहीं थी की उसकी मां के साथ क्या हो रहा है जब भी उसका बाप उसकी मां पर हाथ उठा तो वो रोना शुरू कर देती
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत अच्छा लिखा है मैम👌
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