रात होने को है ।
न ही आओ ओ निंदिया
रात होने को है ।
भीनी भीनी खुशबुओं की
बरसात होने को है ।
मिलेगी वो जिनका इंतेजार
- ए -खास है ।
दे दूंगा सब जो भी मेरे
पास है ।
अब शाम की तरह मैं
न ढलूँ।
उनसे जो मुलाक़ात होने
को है।
मैं तैयार हो लूँ दिल को तस्सली
दे के
आज मुरादों की रात आयी है वक्त
ले के
वो सज के संवर के आएंगे
ओ निंदिया
थम जाना जब दिल नादान सा
ये मेरे
उनके सच में साथ होने
को है ।
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