ना रुकेंगे ,ना झुकेंगे अपने देश के वीर
एक वार में हीकाटेंगे खड़े दुश्मन के सिर
तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते
नमन भारत के लाल को जो वारे देश पर शरीर
आततायी दुश्मन अपने बाज न आते करतूतों से,
हर दिन बढ़ेंगे कितना काटे जाते कुकुरमुत्तों से।
रुक ठहर जा नामकूल न मिलेगी आजादी।
अब तो बस शुरुआत है होगी अब तेरी बर्बादी।
तू भारत के टुकड़े करोगे न कूबत तुममे न हिम्मत,
रुक जा अब भी रे मूरख न तो
उठ जायेगी तेरी मय्यत।
जब जब हिंदुस्तान को दुश्मन ने ललकारा है
चारों खाने चित हुआ हमने जो उनको मारा है।
तू हमको आँख दिखाये ये तेरी नहीं औकात ।
बेमुर्बत पाकिस्तान कितनी खाओगे मात।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.