फिर फूल खिले

क्या मालूम फिर फूल खिले

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 742
Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 11 Mar, 2022 | 1 min read

फिर फूल खिले ।

कुछ दिन पहले देखा था मैंने ,मेरे हॉस्टल के आँगन में गमले में लगा गुलाब का फूल सूख गया है। जबकि कुछ ही दिन पहले की बात है जब सारा कॉलेज कैंपस गुलमोहर के फूल से भर गया था।पहले फूल पीले थे , फिर हलके पीले हो फिर सफ़ेद होकर गिर गए ।


आज हॉस्पिटल जाते वक़्त पोस्टमोर्टेम रूम के बाहर काफी भीड़ देखा। करीब पांच की संख्या में लाशें परिक्षण के लिए लायी गयी थीं।

साथ में करीब सौ -डेढ़ सौ परिजन। विलाप करती महिलाएंऔर हलकी बारिश।

मृत्यु नियति है । आया है सो जायेगा राजा रंक फकीर। पर आज लाशों की संख्या ज्यादा थी।एक महिला लाश के ऊपर हाथ पीट पीट कर रो रही थी, शायद इसलिए कि मरा आदमी जी उठे ।

पर , सबको पता है कि जैसे दूध से रबर बनाना और मोर के पंख को पलकों पर रख जांचना कि वो जिन्दा है कि नहीं ,मशहूर भ्रांतियां है। ठीक उसी तरह शायद ही मृत व्यक्ति जिन्दा हो पाता है।

हॉस्पिटल के गेट पर एक व्यक्ति को लड्डू ले जाते देखा।उनके बेटी हुई थी, इसी ख़ुशी में वो लड्डू बाँट रहा था। कुछ दिन बाद मैंने कैंपस के खेल परिसर में हरियाली देखी ।

बारिश की वजह से घास उग आए थे। मैं हॉस्टल जल्दी जाना चाहता था ताकि देख सकूँ कि गुलाब का पौधा फिर से हरा हुआ कि नहीं । शायद फिर फूल खिले ।

0 likes

Support Dr. Pratik Prabhakar

Please login to support the author.

Published By

Dr. Pratik Prabhakar

Drpratikprabhakar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.