# save Amazon समसामयिक
"हम कहां जा रहे हैं ?"
नेटफ्लिक्स पर सैक्रेड गेम्स का दूसरा सीजन आया था । उसमें सतयुग की परिकल्पना की गई है, एक ऐसे संसार के बारे में विचार किया गया है जहां मानव और ब्रह्मांड का सामंजस्य स्थापित हो सके । जहां सभी के लिए उन्नत भविष्य की नींव रखने की बात की गई है। पर क्या सच में इस कलिकाल में हम सतयुग का सपना देख सकते हैं ?
अमेजन के वर्षावन जल रहे हैं। पृथ्वी का फेफड़ा कहलाने वाला अमेजन जंगल आज सांस नहीं ले पा रहा । क्या जंगलों की आग मनुष्य के पेट की आग खत्म कर पाएगी? मुझे ऐसा नहीं लगता।
बिहार ,महाराष्ट्र ,केरल और अब पंजाब में बाढ़ हो या भारत के कई राज्यों में सुखाड़ यह सभी क्या संकेत दे रहे ? क्या यह अंत की ओर इशारा तो नहीं ?
थैनोस ने अवेंजर्स एंडगेम मूवी में भी 50% आबादी को बख्श देने की बात कही थी । पर प्रकृति किसी को बख्शने वाली नहीं लगती ।
एक कहावत है "what goes around comes around "{व्हाट गोज अराउंड कम्स अराउंड ;जो किया है वह कृत्य लौटकर आता है}
समुंदर भी फेंके गए सामान को वापस किनारे पर छोड़ जाता है। अब हमें सोंचना है कि किस प्रकार हम प्रकृति से उऋण हो पाएंगे क्योंकि प्रकृति के उपकार अनेक है ।
कुछ पंक्तियां जो मैंने पढ़ी थी
" हम प्रकृति को संबारेंगे तो
अपना अच्छा कल होगा
कल के लिए भी आज यहां
खुशियों से भरा पल पल होगा
यूं ही ढल जाते हैं आंसू
सुख की घड़ियों या दुख में ,
पर अपनी आंखों का पानी
देश में गंगाजल होगा।।"
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut khub 👌👌
Well penned
Please Login or Create a free account to comment.