किसे न गम है

कभी हँसती थी आँखें आज क्यों नम है?

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 21 Oct, 2021 | 0 mins read
Selfhelp Motivation

कभी हँसती थी आँखे

क्यों आज नम है?

किसकी जिंदगी में

हताशा कम है?

रोज सुबह से शाम

न दिल को चैन

हर पल पग पग

पर निकलता दम है।


उठते हर रोज ही तो

करते सब जरूरी

पाने सपने को हम

सब बेदम है।

एक पल ठहर ,

साँस तो ले ले

ये सोच मुस्कुरा

किसे न गम है???


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Dr. Pratik Prabhakar

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