शुभरात्रि

रात होने को है

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 20 Sep, 2021 | 0 mins read
Romance Pp Human

रात होने को है

घनी

मैं कहता हूँ

शुभ रात्रि ,

जबाब दो न

कहाँ गए

मेरे अधूरे ख़्वाब,

मेरे जज्बात

मरना नहीं ,

जिन्दा रहो

मेरे सीने में दफ़न

कल फिर कौन

साथ होगा तन्हाइयों में

मेरे लिवास से लिपटा

मैं ढूंढूंगा तुम्हें

तरके कल

ओढ़ लूंगा फिर से

बन के निकलूंगा कल

मैं सूरज की रोशनी में

डर तो होगा नहीं तब

घुप्प अंधेरे का......



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Dr. Pratik Prabhakar

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