चाँद निकला है

चाँद निकला है, आसमान में नहीं

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 21 Apr, 2021 | 0 mins read
Firstlove Poem Romantic

जानते हो?

आज फिर चाँद निकला है

गली में नहीं

खिड़की से झांकता नहीं।

आसमान में

चमकता अकेले

हां! अकेले

तारे साथ हो न हो

क्या फिक्र

कोई साथ नहीं है

क्या जिक्र?

यकीं नहीं

छत पर आओ

देखो चाँद निकला है

अकेले।


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Dr. Pratik Prabhakar

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