तुम नहीं आयी न!

तुम नहीं आयी न!

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 21 Apr, 2021 | 1 min read
Firstlove Poem Romance




कल रात भर करता इंतजार 

किया स्वप्न से भी मिन्नते हजार 

पूरा चांद निकला आसमान में 

पर तुम नहीं आई ना।।



तारे गिन गिन रात काटी

तुम ना ही बनी मेरी साथी

आसमान साफ ,बादल नहीं 

पर तुम नहीं आई ना ।।



पलकें ना गिराई कभी मैंने 

गले नींद को ना लगाई मैंने 

बैठा इंतजार करते रहा चांदनी 

पर तुम नहीं आई ना।।



कब तक यूं ही रहूंगा बेकरार

कब तक रहेगी हमारी तकरार

आओ कि अब वक्त खत्म होता 

पर तुम नहीं आई ना।।

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Dr. Pratik Prabhakar

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