बुद्धम शरणम

बुद्धम शरणं गच्छामि

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 16 May, 2022 | 1 min read

कब तक बैठे रहे यूँ ही

सच देख  , बनते मूढ़,

खुद का ज्ञान पहचान वो

बने नरों में सबसे शुद्ध।।



मरीचिका सी दुनिया ,

माया सी ठग लेती है

जो पैठे गहरे सागर में

वो ही जाने सब गूढ़।।

सच का सामना करें,

मन का विश्वास भारी हो

जो ये सब बता सीखा गए

वो ज्ञान चक्षु वाले थे बुद्ध । ।


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Dr. Pratik Prabhakar

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