अब सारी गफलतों को किनारा कर दूँ।
खुद को अब बस तेरा सहारा
कर दूँ।
तू माने या न माने, जाने या न जाने
पूरा का पूरा खुद को तुम्हारा कर दूँ।
बंद कर लूँ अब मुट्ठी को आहिस्ता
से
अब नजर न ही हटे तेरे रस्ता
से
नूर- ए -नजर ,लख्त- ए -जिगर
तुम
सारी जिंदगी को अब तेरा नजारा कर दूँ।।
तेरी भींगी यादें, कसमें, तेरे
वादें
जान तो लूँ क्या अब तेरे
इरादे?
जो तेरे लवों से न हो अबतक
छुई
उस पानी को अपने आँसू से खारा
कर दूँ।।
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