हो अगर गला सूखता
तब देर नहीं जल लीजिये।
हो अगर भूख ऊँची
मनमाफ़िक फल लीजिये।।
अंधेरा घना हो तो भी
आँखें न ओझल कीजिये।।
मिलेगा सब यहीं पर
सब्र हरपल कीजिये।।
हो अगर अमृत की चाह
गले अपने गरल लीजिये।।
है परेशां जमना ही
आप जीवन सरल कीजिये।।
जो जरूरी काम है
आज , न कल कीजिये।।
पर अपने अरमानों का
गला घोंट न कतल कीजिये।।
हो उन्नति सबकी
ईश् सबको सफल कीजिये।।
Comments
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Nice
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