सीखा तो दे

प्रेम में

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 08 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Firstlove Poem

रफ्ता - रफ़्ता तेरा चले आना

तन्हाईओं को यूँ   चले जाना।।

भीड़ में खोए को निकाल दे तू

दुःख को   सिरे से  टाल दे तू

रोते रहने वाले को संभाल कर

सीखा तो दे अब  मुस्कुराना।।




पल पल जीता पल - पल मरता

आते तूफ़ान के आसार से डरता

गुमसुम बैठे आसमान तकते को

सीखा तो दे अब भी गुनगुनाना।।


राग द्वेष से है जो अभिन्न को

निराशा हताशा से है,खिन्न को

भूल  गया  जो राह पथिक

सीखा तो दे खुद से राह बनाना।।



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Dr. Pratik Prabhakar

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